आई0पी0एस0 दीपका में अनुअल र्स्पोट्स मीट का रंगारंग आयोजन
खेल मानसिक और शारीरिक और तंदुरुस्ती लाता है- डॉ0 संजय गुप्ता
बाल्यावस्था से ही खेल का केवल नाम ही हमारे रग-रग में उत्साह भर देता है। कहा भी जाता है ‘‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है।हर बच्चे में अनेक प्रतिभा छुपी रहती है उन प्रतिभाओं को उभारना शिक्षण संस्थाओं का मौलिक कर्तव्य होता है।खेल की प्रतियोगिता का आयोजन कर जहाँ बच्चों को एक तरफ सामाजिक परिवेश;सामूहिक कार्य का हूनर तथा टीम की जीत के लिए कार्य करने का गुण विकसित किया जाता है तो वहीं बच्चों में एक नई ताजगी व वातावरण के संपर्क से स्वस्थ रहने का मंत्र भी दिया जाता है। यदि हम कुछ पलों के लिए इतिहास की ओर देखें या किसी सफल व्यक्ति के जीवन पर प्रकाष डालें तो हम देखते हैं कि नाम,प्रसिद्धि और धन आसानी से नहीं आते हैं।इसके लिए लगन,नियमितता,धैर्य और सबसे अधिक महत्वपूर्ण कुछ
शारिरिक क्रियाओं अर्थात स्वस्थ जीवन और सफलता के लिए एक व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है।नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए खेल सबसे अच्छा तरीका है।किसी भी व्यक्ति की सफलता मानसिक और शारीरिक ऊर्जा पर निर्भर करती है।इतिहास बताता है कि, केवल वर्चस्व(प्रसिद्धि ) ही राष्ट्र या व्यक्ति पर शासन करने की शक्ति है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में 7 दिसंबर 2024को अनुअल र्स्पोट्स मीट-2024 का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के खेल परिसर में विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया गया।जैसे 100 मीटर रेस, 200 मीटर रेस,400 मीटर रेस,400 मीटर रिले रेस खो-खो,वालीबाल,फुटबॉल ,कबड्डी इत्यादि।मैच का उद्घाटन प्रातः 9 बजे मुख्य अतिथि श्री विनोद हारोड़े (असिस्टेंट कमांडेट सीआईएसएफ)एवं श्री भूपेंद्र सोनवानी ( सीईओ पाली) की गरिमरमयी उपस्थिति में किया गया। प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को क्रमशः प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरकार मुख्य अतिथि के द्वारा प्रदान किया गया। प्रत्येक प्रतियोगिता में विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। तालियों की गड़गड़ाहट से इंडस पब्लिक स्कूल दीपका का कीड़ांगन गुंजित हो जाता था। 100 मीटर रेस, 200 मीटर रेस, 400 मीटर रेस एवं 400 मीटर रिले रेस का आयोजन क्रमशः माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग आयोजित किया गया ,जिसमें छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया ।सभी ने पूरी तन्मयता एवं ऊर्जा के साथ अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
मुख्य अतिथि श्री भूपेंद्र सोनवानी (सीईओ पाली) ने कहा कि खेल से हमारा शरीर व मन तो स्वस्थ होता ही है साथ ही यह हमारे जीवन के तनाव को भी नियंत्रित करता है।प्रत्येक विद्यार्थी को कम से कम एक घंटा स्कूल में अवश्य खेलना चाहिए।यह हमारे दिलोदिमाग को स्वस्थ रखने के साथ ही साथ अध्ययन में भी रुचि उत्पन्न करता है।खेल शारीरिक क्षमता और कौशल को सुधारने और बनाए रखने में मदद करता है। खेल हमें विकास सिखाता है। यह हमें लचीलापन, नेतृत्व, जवाबदेही, सम्मान और धैर्य जैसी चीजें सीखने में मदद करता है। खेल हमें जो सबक सिखाते हैं, वे हमें खिलाड़ी और हर तरह से अच्छे इंसान के रूप में विकसित होने में मदद कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि श्री विनोद हारोडे (असिस्टेंट कमांडेंट दीपका) ने कहा कि खेल हमारे जीवन का अहम पहलू है ।इसके बिना जीवन अधूरा है। हम खेल के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाकर अपनी जिंदगी में सफलता की बुलंदियों को स्पर्श कर सकते हैं। खेल से न सिर्फ हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं ,बल्कि शारीरिक रूप से भी हम तंदुरुस्त रहते हैं ।यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
खेल एक व्यायाम/शारीरिक गतिविधि है जिसका उद्देश्य प्रतिकूलताओं पर विजय प्राप्त करना और जीतना है । खेल खेलने से दबाव और तनाव को स्वस्थ और नियंत्रित तरीके से दूर करने में मदद मिलती है। खेल नींद के पैटर्न और चिंता के स्तर में सुधार करते हैं। खेल मोटर कौशल और मन/शरीर के मध्य संबंध विकसित करते हैं।विभिन्न खेल खेलने से उन्हें टीम वर्क, नेतृत्व, जवाबदेही, धैर्य और आत्मविश्वास जैसे जीवन कौशल सीखने में मदद मिलती है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है । छात्रों को अपने जीवन में लक्ष्य हासिल करने के लिए अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं पर काम करने का मौका मिलता है।
प्राचार्य डॉ0 संजय गुप्ता ने कहा की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। और इन दोनों को संतुलित और स्वस्थ रखने के लिए खेलों का एक अहम स्थान है। खेल न केवल शरीर को स्वस्थ बनाते हैं, बल्कि मन को भी सक्रिय और ताजगी से भरपूर रखते हैं। हमारे शरीर को फिट रखने के लिए व्यायाम और शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता होती है, और खेल इस आवश्यकता को पूरा करने का एक बेहतरीन तरीका है। चाहे वह क्रिकेट हो, फुटबॉल हो, या फिर किसी अन्य खेल, ये सभी हमारे शरीर को सशक्त और ऊर्जा से भरपूर बनाए रखते हैं। खेलों के द्वारा हड्डियाँ मजबूत होती हैं, मांसपेशियाँ विकसित होती हैं और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है। इसके अलावा, खेल मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करते हैं। खेलों में टीमवर्क, प्रतिस्पर्धा, और संघर्ष का अनुभव होता है, जिससे मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। खेलों के द्वारा हम न केवल तनाव और चिंता को कम कर सकते हैं, बल्कि ध्यान और संयम को भी बढ़ा सकते हैं। खेलों के माध्यम से हम अनुशासन, समर्पण, और परिश्रम के महत्व को समझते हैं। ये गुण हमें जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित करते हैं। एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए खेलों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना बहुत जरूरी है। खेल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। अगर हम अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो खेलों को अपनाना चाहिए।